8th Pay Commission: केंद्र सरकार ने इस वर्ष जनवरी में 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है, जिससे सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के चेहरे पर मुस्कान आ गई है। यह नया वेतन आयोग लाखों केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन और पेंशन में महत्वपूर्ण वृद्धि करने की संभावना रखता है। आइए जानते हैं इस नए वेतन आयोग के बारे में विस्तार से।
8वें वेतन आयोग का गठन और समय सीमा
केंद्र सरकार ने 16 जनवरी 2025 को 8वें वेतन आयोग के गठन को औपचारिक रूप से मंजूरी प्रदान की थी। सूत्रों के अनुसार, अगले महीने तक इस आयोग का पूर्ण गठन हो सकता है, जिसमें चेयरमैन और अन्य सदस्यों की नियुक्ति की जाएगी। हालांकि, आयोग के गठन के बाद इसकी सिफारिशों को तैयार करने और लागू करने में कुछ समय लगेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इन सिफारिशों को अगले वर्ष तक लागू किया जा सकता है।
फिटमेंट फैक्टर
वेतन आयोग में सबसे महत्वपूर्ण बात होती है ‘फिटमेंट फैक्टर’, जो वेतन वृद्धि का निर्धारण करता है। यह एक ऐसा गुणक है जिससे कर्मचारियों के मूल वेतन को गुणा करके नया वेतन तय किया जाता है। फिटमेंट फैक्टर का निर्धारण देश की आर्थिक स्थिति, महंगाई दर और अन्य कई महत्वपूर्ण कारकों के आधार पर किया जाता है।
7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था, जिसके परिणामस्वरूप कर्मचारियों के वेतन में 157 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। अब सवाल यह है कि 8वें वेतन आयोग में यह फैक्टर कितना होगा और इसका कर्मचारियों के वेतन पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
कितनी हो सकती है वेतन वृद्धि?
वर्तमान में केंद्र सरकार के कर्मचारियों का न्यूनतम मूल वेतन 18,000 रुपये प्रति माह है। नेशनल काउंसिल-ज्वाइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (NC-JCM) की मांग है कि 8वें वेतन आयोग में भी 2.57 का फिटमेंट फैक्टर लागू किया जाए। यदि सरकार इस मांग को स्वीकार करती है, तो कर्मचारियों का न्यूनतम मूल वेतन बढ़कर 46,260 रुपये प्रति माह हो जाएगा।
इसी प्रकार, वर्तमान में न्यूनतम पेंशन 9,000 रुपये है, जो बढ़कर 23,130 रुपये प्रति माह हो सकती है। यह वृद्धि लाखों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के जीवन स्तर में सुधार ला सकती है।
क्या है कर्मचारी संगठनों की मांग?
कर्मचारी संगठनों का मानना है कि महंगाई में लगातार वृद्धि के कारण फिटमेंट फैक्टर को 2.57 या इससे अधिक रखा जाना चाहिए। कुछ संगठनों ने तो 2.86 के फिटमेंट फैक्टर की मांग भी की है, जिससे वेतन में और अधिक वृद्धि हो सकती है।
NC-JCM के सचिव शिव गोपाल मिश्रा का कहना है कि वेतन गणना के लिए फिटमेंट फैक्टर का वर्तमान फॉर्मूला अब पुराना हो चुका है। उनके अनुसार, कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि के लिए नए और अधिक प्रभावी तरीकों की आवश्यकता है, जो वर्तमान आर्थिक परिस्थितियों के अनुरूप हों।
विशेषज्ञों की राय क्या है?
हालांकि, सभी विशेषज्ञ उच्च फिटमेंट फैक्टर की संभावना पर सहमत नहीं हैं। पूर्व वित्त सचिव का मानना है कि 2.57 या 2.86 जैसे उच्च फिटमेंट फैक्टर की मांग वास्तविक नहीं है। उनके अनुसार, सरकार 1.92 का फिटमेंट फैक्टर लागू कर सकती है, जिससे न्यूनतम वेतन बढ़कर 34,560 रुपये प्रति माह हो जाएगा।
यह भी एक महत्वपूर्ण वृद्धि होगी, लेकिन कर्मचारी संगठनों की अपेक्षाओं से कम है। अंतिम निर्णय सरकार को लेना है, जो देश की आर्थिक स्थिति और बजटीय प्राथमिकताओं को ध्यान में रखेगी।
8वें वेतन आयोग के लाभ
8वां वेतन आयोग न केवल कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि करेगा, बल्कि उनके भत्तों, पेंशन और अन्य लाभों में भी सुधार करने की संभावना रखता है। इससे लाखों केंद्रीय कर्मचारियों और उनके परिवारों के जीवन स्तर में सुधार होगा, जिससे उनकी क्रय शक्ति बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था को भी गति मिलेगी।
इसके अलावा, वेतन आयोग सरकारी नौकरियों को अधिक आकर्षक बनाएगा, जिससे प्रतिभाशाली युवाओं को सरकारी क्षेत्र में काम करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकेगा। यह सरकारी सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार लाने में मदद करेगा।
8वें वेतन आयोग की घोषणा केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि फिटमेंट फैक्टर कितना होगा और वेतन में कितनी वृद्धि होगी। कर्मचारियों को आयोग के गठन और उसकी सिफारिशों के लिए कुछ समय इंतजार करना होगा।
लेकिन एक बात निश्चित है कि 8वां वेतन आयोग लागू होने के बाद कर्मचारियों के वेतन में महत्वपूर्ण वृद्धि होगी, जो उनके जीवन स्तर को सुधारने में मदद करेगी। सरकार भी कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए उचित निर्णय लेगी, जो देश की आर्थिक स्थिति के अनुकूल हो।
यह लेख उपलब्ध जानकारी के आधार पर तैयार किया गया है। वेतन आयोग की अंतिम सिफारिशें और फिटमेंट फैक्टर सरकार द्वारा निर्धारित किए जाएंगे। पाठकों से अनुरोध है कि वे अधिक जानकारी के लिए आधिकारिक सूचनाओं का इंतजार करें।